त्रिदिवसीय राष्ट्रीय बौद्ध सेमिनार के समापन समारोह

      


त्रिदिवसीय राष्ट्रीय बौद्ध सेमिनार के समापन समारोह


दिनांक  12 नवंबर से 14 नवंबर 2021 तक *छत्तीसगढ़ बौद्ध समाज संरक्षण  संवर्धन संघ रायपुर* द्वारा *महेश भवन ,गुढ़ियारी, श्रीनगर रोड, रायपुर छत्तीसगढ़* में *त्रिदिवसीय राष्ट्रीय बौद्ध सेमिनार*  का आयोजन किया गया । जिसमें आयोजन समिति के  अध्यक्ष भिक्खु बुद्ध घोष बोधि  जी के विशेष  आमंत्रण पर  दिनांक 14 नवंबर 2021 को   राष्ट्रीय सेमिनार के  समापन समारोह में  विशिष्ट अतिथि के रूप में *स्वतंत्र रेलवे बहुजन कर्मचारी यूनियन*  दपमरे रायपुर के मंडल सचिव श्री भोला चौधरी शामिल हुए। इस कार्यक्रम में विशिष्ट अतिथि के रूप में भोला चौधरी  *भारतीय आधुनिक समाज और  बौद्ध धम्म की प्रासंगिकता* पर अपनी  तथ्य पूर्ण बात रखते हुए कहा कि  आज की बौद्ध धम्म मूलतः मानवता समता स्वतन्त्रता और सामाजिक न्याय पर आधारित मौलिक धम्म है। आज जातिवादी भेदभाव छुआछूत शोषण उत्पीड़न  पाखंड घृणा अंधविश्वास अन्याय से पीड़ित भरतीय समाज  में बौद्ध धम्म मानव धर्म के रुप मे स्वीकार करने अपनाने और पालने करने  योग्य है। उन्होंने  अपनी बातें रखते हुए आगे कहा कि एक ओर विश्व मे आज  भौतिकता पूंजीवाद  व्यक्तिवादिता  गलाकाट  प्रतियोगिता के  कारण समाज   में  दया करुणा प्यार सहकार सद्भाव भाईचारा  का अभाव है तो खासकर भरतीय समाज मे सदियों से चली से  चली आ  रही अमानवीय भेदभाव ऊँचनीच घृणा का दंश झेलरहे हासिये के लोगो के लिए   समता न्याय  बन्धुत्व  शील  प्रेम मैत्री करुणा नैतिकता जैसी मानवीय गुणों की विकास के लिए व्यवहारिक  और वैज्ञानिक बौद्ध धम्म निश्चित ही एक मानवीय धम्म और   जीवन पद्धति के रूप में  मानव समाज के लिए उपयोगी सावित होगी । 


आपको आगे  बताते चले कि इस दस दिवसीय श्रामनेर उपासक उपासिका प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह एवं *तीन दिवसीय राष्ट्रीय बौद्ध सेमिनार* के प्रथम दिन  के उद्घाटन सत्र  दिनांक 12/11/2021 को कार्यक्रम के मुख्य मार्गदर्शक पूज्य भदंत आनंद महास्थविर (राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय भिक्खु महासंघ दिल्ली ) तथा  मुख्य वक्ता पूज्य भदंत करूणाकर महाथेरो जी (दिल्ली), पूज्य भदंत थीरो ज्योति थेरो जी (दिल्ली) एवं समस्थ भिक्खु संघ का आगमन पुष्पों से स्वागत करने के पश्चात महकरूनिक तथागत सम्यक सम्बुद्ध एवं बोधिसत्व डॉ बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर जी के छाया चित्र पर मोमबत्ती से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई। 

तत पश्चात पूज्य भदंत धम्मानंद विवेचन जी (समस्थ भिक्खु संघ) ने उपस्थित जन समूह को त्रि शरण , पञ्च शील प्रदान किया उसके बाद  पूज्य भदंत थीरो ज्योति थेरो जी (राष्ट्रीय महासचिव  अखिल भारतीय भिक्खु महासंघ दिल्ली) जी ने अपने विचार रखे, तत पश्चात कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पूज्य भदंत करूणाकर महाथेरो जी (दिल्ली) ने अपना उदबोधन समस्त श्रोताओं को बुद्ध का धम्म मनुष्य को श्रेष्ट आचरण की शिक्षा देती है  और तथागत ने  अपने धम्म में जाति पाती एवं संकीर्ण विचारधारा को जगह नही दिया विभिन्न उदाहरण से समझाया। तत पश्चात पूज्य भदंत धम्मानंद विवेचन जी श्रामनेर उपासक उपासिका एवं अनागरिक धम्माचारी के गुणों के बारे में समझाया। 
दिनांक 13/11/2021 को  समस्त भिक्खु / भिक्संखुनी संघ  एवं उपासक उपसिकाओ ने धम्म रैली जो की महेश भवन कार्यक्रम स्थल से  निकल कर रायपुर के डॉ.बाबा साहेब आंबेडकर चौक को पहुची |
मुख्य वक्ता  पूज्य भदंत करूणाकर महाथेरो जी (दिल्ली), पूज्य भदंत थीरो ज्योति थेरो जी (दिल्ली) एवं समस्थ भिक्खु संघ ने डॉ.बाबा साहेब जी के चरणों में पुष्प आर्पण किये तात पश्चात पूज्यनीय भिक्खु जी ने डॉ बाबा साहेब जी के संघर्षो को सम्पूर्ण जन मानस को व्यक्त किया, तात पश्चात डॉ. बाबा साहेब जी के लिखे संविधान का सम्पूर्ण भारत के  मूलनिवासियो के लिए कितना अहम भूमिका निभाती है इनका गुण गन किया और सभी को जागरूक किया की वे संविधान को संरक्षित रखे और अपने बच्चो को शिक्षा में आगे रखे  और बुद्धा धम्म से जोड़े रखे  तात पश्चात सम्पूर्ण रैल्ली अशोक नगर बुद्ध विहार को पहुची, बुद्ध विहार का दर्शन कर सभी उपासक उपसिकाओ ने त्रि शरण एवं पञ्च शील देने के लिए भिक्कू संघ को आग्रह किया, तात पश्चात त्रि शरण एवं पञ्च शील दिया गया 



दिनांक 14 नवंबर 2021 को   त्रिदिवसीय  राष्ट्रीय बौद्ध सेमिनार  के  समापन समारोह के  मुख्य मार्गदर्शक के रूप में पूज्य भदंत आनंद महास्थविर (राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय भिक्खु महासंघ दिल्ली ) जी ने अपने वक्तव्य में बतलाया की बुद्ध का धम्म अतदीपो भवः की संकल्पना पर आधारित है जिसमे  मानव का विकास किसी काल्पनिक ईश्वर  देवता भगवान से  ना  स्वयं की अन्तःकरण के परिष्कार ,साधना ,ध्यान, मनोवल के विकास द्वारा ही  संभव है। स्वयं के मानसिक  चारित्रिक भावनात्मक मनोवल रूप आत्म चेतना ही  साक्षात  देव रूप में प्रकट होकर पुरुषार्थ के मार्गे अग्रसर करता है। अतः  स्वयं की अंतः करण का परिष्कार ही आधुनिक मानवीय सफलता  की कुंजी है । इसलिए दुसरो के बुराईयों (गलतियों ) को न देख, स्वयं के  बुराईयो को देख कर धम्म के अनुरूप चलने का  प्रयास करना चाहिए , इससे समाज में जागरूकता आएगी और समाज उन्नति की ओर अग्रसर होगा, इतना कहते हुए उन्होंने आगामी दिनों में अनेक जानकारी देने के बात कह कर सभी  श्रामनेर , उपासक उपासिका एवं जन मानस को मंगलकामनाएँ देते हुए आशीर्वाद दिए
।   अंत मे  इस त्रिदिवसीय  राष्ट्रीय बौद्ध  सेमिनार    में उपस्थित विशेष मार्गेदर्शक बौद्ध भीखूओ  विशिष्ट अतिथियों  आयोजन समिति के  कार्येकर्ताओं  सदस्यों के  विशेष  सम्मान के   साथ ही साथ  सांस्कृतिक कार्यक्रम के तौर पर छोटे छोटे बच्चों  के  बुद्ध भीम गीतों नृत्य के मंचन के  साथ   समापन किया गया। 

इस कार्यक्रम में  भिक्खु बुद्ध घोष बोधि  अध्यक्ष
छत्तीसगढ़ बौद्ध समाज संरक्षण  संवर्धन संघ रायपुर सहित   समिति के कार्येकर्ताओं  सक्रिय सदस्यों के रूप में  आयुष्यमान-  सुभाष वैद्य,  चंद्रशेखर भौतिक , अश्विन वासनिक, राष्ट्रपाल वान्द्रे, दिलीप वैद्य, अविनाश पाटिल, पवन मेश्राम, अनिल रामटेके, राजेन्द्र गायकवाड़ , अर्जुन बौद्ध , एच् डी बौद्ध, बसंत कुर्रे, रामलाल बौद्ध, दिलीप रागासे, संतोष बौद्ध , क्रुणाल रामटेके , सी डी खोब्रागडे, शशांक ढाबरे, राजेन्द्र दवना, अनिल वैद्य  जी, संजय फूले, अरविंद बांसोड़ ,सचिन डोंगरे , विजय बांसोड नरसिंह नाथ बौद्ध,की विशेष  भागीदारी और योगदान और उपस्थिति रहा। 
इस कार्यक्रम में राष्ट्रीय स्तर  पर छत्तीसगढ़, कर्नाटक, आंध्रप्रदेश, उत्तरप्रदेश, बिहार , झारखंड, उड़ीसा मध्यप्रदेश , महाराष्ट्र से  आये हुए तमाम भीखूओ, उपासक,   उपासिकायो, विशिष्ट अतिथि  समर्थकों सहित लगभग 500 लोगो की भागीदारी रही|


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1 Comments

  1. Historical moment of bhikkhu sangh in Raipur. I feel proudly so much

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