तीन दिवसीय राष्ट्रीय बौद्ध सेमिनार

दस दिवसीय श्रामनेर उपासक उपासिका प्रशिक्षण शिविर के समापन समारोह एवं तीन दिवसीय राष्ट्रीय बौद्ध सेमिनार के प्रथम दिन कल दिनांक 12/11/2021 को कार्यक्रम के मुख्य मार्गदर्शक पूज्य भदंत आनंद महास्थविर (राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय भिक्खु महासंघ दिल्ली ) तथा  मुख्य वक्ता पूज्य भदंत करूणाकर महाथेरो जी (दिल्ली), पूज्य भदंत थीरो ज्योति थेरो जी (दिल्ली) एवं समस्थ भिक्खु संघ का आगमन पुष्पों से स्वागत करने के पश्चात महकरूनिक तथागत सम्यक सम्बुद्ध एवं बोधिसत्व डॉ बाबा साहेब भीम राव आंबेडकर जी के छाया चित्र पर मोमबत्ती से दीप प्रज्वलित कर कार्यक्रम की शुरुआत की गई, तत पश्चात पूज्य भदंत धम्मानंद विवेचन जी (समस्थ भिक्खु संघ) ने उपस्थित जन समूह को त्रि शरण , पञ्च शील प्रदान किया उसके बाद  पूज्य भदंत थीरो ज्योति थेरो जी (राष्ट्रीय महासचिव  अखिल भारतीय भिक्खु महासंघ दिल्ली) जी ने अपने विचार रखे, तत पश्चात कार्यक्रम के मुख्य वक्ता पूज्य भदंत करूणाकर महाथेरो जी (दिल्ली) ने अपना उदबोधन समस्त श्रोताओं को बुद्ध का धम्म मनुष्य को श्रेष्ट आचरण की शिक्षा देती है  और तथागत ने  अपने धम्म में जाति पाती एवं संकीर्ण विचारधारा को जगह नही दिया विभिन्न उदाहरण से समझाया तत पश्चात पूज्य भदंत धम्मानंद विवेचन जी श्रामनेर उपासक उपासिका एवं अनागरिक धम्माचारी के गुणों के बारे में समझाया तत पश्चात अंत में  मुख्य मार्गदर्शक पूज्य भदंत आनंद महास्थविर (राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिल भारतीय भिक्खु महासंघ दिल्ली ) जी ने अपने वक्तव्य में बतलाया की बुद्ध का धम्म दुसरो के दोस (गलतियों ) को न देख, स्वयं के दोसो को देख कर धम्म के अनुरूप चलने का  प्रयास करना चाहिए , इससे समाज में जागरूकता आएगी और समाज उन्नति की ओर अग्रसर होगा, इतना कहते हुए उन्होंने आगामी दिनों में अनेक जानकारी देने के बात कह कर सभी श्रमनेर, उपासक उपासिका एवं जन मानस को मंगलकामनाएँ देते हुए आशीर्वाद दिए , साथ ही सांस्कृतिक कार्यक्रम के तौर पर छोटे छोटे बच्चों ने बुद्ध भीम गीतों पर नृत्य भी  किया  |

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